Details, Fiction and bhairav kavach
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हाकिनी पुत्रकः पातु दारास्तु लाकिनी सुतः
तस्य नाम तु देवेशि देवा गायन्ति भावुकाः ।
सम्पूजकः शुचिस्नातः भक्तियुक्तः समाहितः ।
ऊर्ध्वं पातु विधाता च पाताले नन्दको विभुः ।
वैसे तो भैरव कवच का पाठ more info नित्य पूजा में बोलकर आसानी से किया जा सकता है, यदि कोई विशेष कामना हो, जैसे किसी तंत्र बाधा से रक्षा, परीक्षा में सफलता, चुनाव में विजय आदि तो इस विधि से भैरव कवच का पाठ करें।
वायव्यां मां कपाली च नित्यं पायात् सुरेश्वरः ॥